हस के उठे वि हस के माता
हस के उठे वि हस के माता,
जा चंदन पर थार भवानी,
नींबू जटा, जटा पर नरियर,
आस पास नरियर के बाड़ी,
केकती केवड़ा सदा सरवर,
सरवर देखत हंस विराजे,
हंस म दाई के पहुना साजे,
पहुना ऊपर दाई विराजे,
दाई के संग म भैरव साजे,
भैरव संग लंगूर विराजे,
अन्नस मन्नस कुंज निवारे,
धर्म ध्वजा लहराए … लहराए ओ मैया,
सेवा में बाग लगाए हो मां ….
सेवा में बाग लगाए .. लगाए हो मैया,
सेवा में बाग लगाए हो मां ।
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