कुछ बोल दातिये बोल
नैना दी मेरी जोत ग्वाची, ओह है तेरे कोल

नूरी तेरा मुखड़ा देखां, दे दे चानण मैनु
चरना दी छा है ठंडी, देवी मानन मैनु
पूजा दी कोई रीत न जाने, यह जिंदड़ी अनमोल

हर था तेरी ज्योत दा पहरा, मैं ज्योतां तो खाली
दर तेरे दा नौकर बनके, खाद गया इक सवाली
अखिया बिना किवे दर्शन पावा, उठान कालजे हॉल

रंग चढ़ा के चंगी ताईं करदे पार उदारा
इस दुनिया तेरी वसदी अंदर तू ही एक सहारा
सिध्धू वाङ्गरा जिंदड़ी मेरी ना वेखि तू फ़ोल

Author: Unknown Claim credit

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