आरती लाल मैया जी की

आरती लाल मैया जी तेरी गाऊं ,
निशिदिन प्रेम की ज्योत जगाकर ,मुख से जय जयकार बुलाऊं।।
छिन्नमस्तिका अवतार तुम्हारा ,चिंतपूर्णी है रूप साकारा ,
इसी रूप का ध्यान लगाऊं -आरती लाल मैया….
लाल भवन की लाल भवानी ,संतों भगतों की महारानी ,
जग जननी बलिहारी जाऊं -आरती लाल मैया….
सिद्ध पीठ तेरा लाल द्वारा ,सब जग से लगता है न्यारा ,
सब देवन के दर्शन पाऊं -आरती लाल मैया….
आरती वंदन दरस तुम्हारा ,करदे जीवन में उजियारा ,
निशिदिन तेरी महिमा गाऊं -आरती लाल मैया….
जो जन प्रेम से आरती गावे ,दास “मधुप” सुख सम्पति पावे ,
चरण कमल नित शीश नवाऊं -आरती लाल मैया….

( लाल पवन ‘च’ निवास करन वाली माता जी तवाड़ी सदा ही जय )
( जयकारा चिंतपूर्णी माई दा ,बोल साचे दरवार की जय )
( जयकारा मैया लाल भवानी दा ,बोल साचे दरवार की जय )

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