आये हैं तेरे द्वारे आंसुओ की लेके धारे,
गिरजा सुमन प्यारे चरण तुम्हारे।।

माथे पे रोरी चंदन स्वीकारो मेरा वन्दन,
जय हो तोरी गौरी नंदन करते तेरा अभिनंदन,
श्रद्धा सुमन मेरा चरण तुम्हारे….

मंदमति हु स्वामी तुम तो हो अंतरयामी,
जन्मो का मैं खलकामी तुम हो जगत के स्वामी,
भव भंजना काटो कष्ट हमारे…..

धन वैभव के तुम दाता तुम ही हो बुद्धि प्रदाता,
जन्मो का तुमसे दाता पुत्र पिता का नाता,
राजेन्द्र द्वारे तेरी बाट निहारे….

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

मोहिनी एकादशी

गुरूवार, 08 मई 2025

मोहिनी एकादशी
वैशाखी पूर्णिमा

सोमवार, 12 मई 2025

वैशाखी पूर्णिमा
अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी
शनि जयंती

मंगलवार, 27 मई 2025

शनि जयंती
निर्जला एकादशी

शुक्रवार, 06 जून 2025

निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा

संग्रह