बैगा बैगा आओ गजानंद ओ

बैगा बैगा आओ गजानंद ओ थारी खूब करा रे मनुहार,
पधारों म्हारा गजानंद….

पार्वती के पुत्र गजानंद थे तो शिव के राज दुलार,
पधारों म्हारा गजानंद….

घी सिंदूर रो चोलो चढ़ावा ओ थारे चांदी रो करा श्रृंगार,
पधारों म्हारा गजानंद…

लडुवन को थारे भोग लगावा ओ थाके फूला रो पहनावा हार,
पधारों म्हारा गजानंद…

रणतभवर का प्यारा गजानंद ओ थाकु पूजे जग संसार,
पधारों म्हारा गजानंद…

रिद्धि सिद्धि संग में लावो शिव पार्वती संग आओ,
पधारों म्हारा गजानंद…

अक जांगिड़ दास पुराणों थे तो भक्ता की करो पूरी आश,
पधारों म्हारा गजानंद..

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