गज़ानंद महाराज पधारो

धुन-फ़ूल तुम्हें भेजा है खत्त में

( प्रथम मनाये गणेश के, ध्याऊँ शारदा मात,
मात पिता गुरु, प्रभु चरनण में, नित्य नमाऊँ माथ ll )

गज़ानंद, महाराज पधारो, कीर्तन की, तैयारी है* ll,
आओ आओ, बेगा आओ, चाव दरस को, भारी है,,,
गज़ानंद, महाराज पधारो, कीर्तन की,,,,,,,,,,,,,

थे आवो ज़द, काम बणेला, था पर म्हारी, बाजी है* l
रणत भंवर गढ़, वाला सुणलो, चिन्ता म्हाने, लागी है* ll
देर करो मत, ना तरसाओ, चरणा अरज़, ये म्हारी है,,,
गज़ानंद, महाराज पधारो, कीर्तन की,,,,,,,,,,,,,

रिद्धी सिद्धी संग, आओ विनायक, देवो दरस, थारा भगता ने* l
भोग लगावा, ढोक लगावा, पुष्प चढ़ावा, चरणा में* ll
गजानंद, थारा हाथा में, अब तो लाज़, हमारी है,,,
गज़ानंद, महाराज पधारो, कीर्तन की,,,,,,,,,,,,,

भगतां की तो, विनती सुनली, शिव सुत प्यारो आयो है
जय जयकार, करो गणपति की, म्हारो मन, हर्शायो है
बरसेंगा अब, रस कीर्तन में, भगतो महिमा, भारी है,,,
गज़ानंद, महाराज पधारो, कीर्तन की,,,,,,,,,,,,,

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

इंदिरा एकादशी

बुधवार, 17 सितम्बर 2025

इंदिरा एकादशी
घटस्थापना पूजा

सोमवार, 22 सितम्बर 2025

घटस्थापना पूजा
दशहरा

गुरूवार, 02 अक्टूबर 2025

दशहरा
पापांकुशा एकादशी

शुक्रवार, 03 अक्टूबर 2025

पापांकुशा एकादशी
अश्विन पूर्णिमा

मंगलवार, 07 अक्टूबर 2025

अश्विन पूर्णिमा
करवा चौथ

शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025

करवा चौथ

संग्रह