गण नायक बन के,
बुध विनायक बन के,
प्रभु भक्तों के कष्ट मिटाना ll
हे रिद्धि सिद्धि के स्वामी l
प्रभु आप हो अन्तर्यामी l
सुंडधारी बन के, विघनहारी बन के,
हो के मूसे पे, सवार चले आना,,,
गण नायक बन के,,,,,,,,,,,,,,
हे वक्रतुण्ड अवतारी l
एक दंत की लीला भारी l
गजाधारी बन के. दुःखहारी बन के,
प्रभु दुष्टों से, हमको बचाना,,,
गण नायक बन के,,,,,,,,,,,,,,
हे लम्बोदर हितकारी l
प्रभु रखना लाज हमारी l
तन विशाल करके, महाँकाल बन के,
प्रभु असुरों को, मार गिराना,,,
गण नायक बन के,,,,,,,,,,,,,,
तेरी जय हो गणेश जग वंदन l
करते श्रद्धा के फूल हम अर्पण l
महाँज्ञानी बन के, वरदानी बनके,
शुभ लाभ, हमे वि कराना,,,
गण नायक बन के,,,,,,,,,,,,,,
सुनो गणपति बिनती हमारी l
भक्त करते गुणगान तुम्हारी l
लड्डू मेवा धर के, लाए थाली भर के,
प्रभु भोग, स्वीकार कर लेना,,,
गण नायक बन के,,,,,,,,,,,,,,
Author: अनिलरामूर्तिभोपाल