गणपति विघन हरण सुख दाता
गणपति, विघन, हरण सुख दाता xll-ll
हो,,, शिव, शंकर है, पिता तुम्हारे* ll,
पार्वती* है माता,,,
गणपति, विघन, हरण सुख दाता xll-ll
एक, दंत, गज़ बदन तुम्हारा ll
रवि, समान, कुंडल चमकारा ll
सुन्दर* सूँड सुहाता,,,
गणपति, विघन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,F
फ़ूल, हार, ग़ल मोतियन माला ll
केसर, तिलक, विराजत भाला ll
मोदक* भोग लगाता,,,
गणपति, विघन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,F
शंख, गदा, त्रिशूल विराजे ll
रूप, देखकर, मन मत लागे ll
पूर्ण* पुर्ख विधाता,,,
गणपति, विघन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,F
जन, अनाथ की, बेनती मानो l
सब, भक्तों की, बेनती मानो l
मोहे, अपना, सेवक जानो l
सबको, अपना, सेवक जानो l
तेरी भक्ति* करूँ दिन राता,,,
गणपति, विघन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,F
Author: अनिलरामूर्तीभोपाल