घर में आन विराजो मेरे देवन के सरताज

घर में आन विराजो मेरे देवन के सरताज

घर में आन विराजो मेरे देवन के सरताज,
किरपा करदो झोलियाँ भर दो करदो पूरन काज,
तेरी जय हो गणेश देवा जय हो गणेश,
मेरे काटो कलेश तेरी जय हो गणेश,

पग धर के घर की देहलीह पे करदो दर पावन,
दुःख की छाया दूर करो तुम छेड़ो ख़ुशी का साज,
घर में आन विराजो मेरे देवन के सरताज,
तेरी जय हो गणेश देवा जय हो गणेश,
मेरे काटो कलेश तेरी जय हो गणेश,

आन विरजो घर में मेरे कर मुशे की सवारी,
रिद्धि सीधी ले आना मैंने की है तयारी,
तिलक लगाउ तुम्हे रिजाऊ रखलो देवा लाज,
घर में आन विराजो मेरे देवन के सतराज,
तेरी जय हो गणेश देवा जय हो गणेश,
मेरे काटो कलेश तेरी जय हो गणेश,

गंगा जल से चरण पखारू तेरा नाम ध्याऊ,
चरण शरण मोहे रखलो विनायक तुम को शीश निभाउ,
गंगा जल से चरण पखारू तेरा नाम ध्याऊ,
हे गुनी जन गोरी लाला पूजे तोहे आज,
घर में आन विराजो मेरे देवन के सरताज,
तेरी जय हो गणेश देवा जय हो गणेश,

Author: Guru Ashish

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी

संग्रह