हे गणपति गिरिजानंदन हम ध्याये तुमको आज,
सकल विघ्न करो दूर हमारो रखियो हमरी लाज,
प्रभु मोरे ध्याये तुमको आज,
प्रभु मोरे रखियो हमरी लाज…

मोह माया मे तुमको भूले, दर दर भटके भँवर मे झूले,
अब आए हम शरण तिहारी, छोड़ जगत के काज,
प्रभु मोरे रखियो हमरी लाज…

रिद्धि सिद्धि दोऊ चँवर डोलावे, चरणन मे भक्तन सुख पावे,
शरणागत वत्सल लम्बोदर, किरपा करो गणराज,
प्रभु मोरे रखियो हमरी लाज…

प्रथम पूज्य हे नाथ दयानिधि, भक्ति का वर दो हे करुणानिधि,
कलि काल के घोर पाप से, निर्भय हो सकल समाज,
प्रभु मोरे रखियो हमरी लाज…

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