उर में पधारो मेरे

उर में पधारो मेरे गजानन उर में पधारो मेरे ,
कर रहे वंदन तुम्हारे गजानन उर में पधारो मेरे,

माता उमा पिता शिव भोले,जाटा से गंग बहावे,
सब देवन में पूजित पहले शिव नन्दन कहलावे,
गजानन उर में पधारो मेरे , उर में पधारो मेरे,

एक दंत गजवदन मनोहर,भक्त जनन के प्यारे,
मूषक वाहन कुंडल कानन,गजमुख मन मोरे भावे,
गजानन उर में पधारो मेरे , उर में पधारो मेरे ,

ऋद्धि सिद्धि तेरी चवर डुलावत लडुवन भोग लगावे,
रघुवीर वंदन गावे तेरे चरणों में शीश झुकावे ,
गजानन उर में पधारो मेरे,उर में पधारो मेरे ,

Author: रघुवीर पाण्डेय

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी
गुरु गोविंद सिंह जयंती

शनिवार, 27 दिसम्बर 2025

गुरु गोविंद सिंह जयंती
पौष पूर्णिमा

शनिवार, 03 जनवरी 2026

पौष पूर्णिमा

संग्रह