( मैनू सतगुरु जी दा प्यार मिला,
सतगुरु दा दरबार मिला,
जिन्हां दे चरणां च दुनिया झुक्दी,
मैनू अनमोल वो मोती मिला॥ )

अम्बर दूंढ़ा सागर दूंढ़ा, गुरु तो कोई अनमोल नही,
गुरु तो वध के इस दुनिया विच दुजी कोई सौगात नही,
मैनू इतना प्यारा गुरु मिला…..

अपने रंग विच रंग डालो, किसी होर रंग दी लोड़ नही,
गुरु दा प्यार पा के प्यारे, दुनिया दी मैनु परवाह नही,
बड़ भागी मै गुरु नू पाया, रब्ब नू भी है पा लेया,
मैनू इतना प्यारा गुरु मिला…..

तेरे दर्शन दे नैना बावरे आके दर्शन दिया करो,
नैना दी ए खिड़की खोल के हर पल मैनू मिला करो,
हर इक सांस में हो तेरा सिमरन, बीत जाये जीवन मेरा,
मैनू इतना प्यारा गुरु मिला, गुरु दा सोहणा दरबार मिला…..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

वरुथिनी एकादशी

गुरूवार, 24 अप्रैल 2025

वरुथिनी एकादशी
मोहिनी एकादशी

गुरूवार, 08 मई 2025

मोहिनी एकादशी
वैशाखी पूर्णिमा

सोमवार, 12 मई 2025

वैशाखी पूर्णिमा
अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी
शनि जयंती

मंगलवार, 27 मई 2025

शनि जयंती
निर्जला एकादशी

शुक्रवार, 06 जून 2025

निर्जला एकादशी

संग्रह