चरणों में गुरु तेरे रहे मन मेरा
शाम सवेरे करू सिमरन तेरा
अखियो को मिले सदा दर्शन तेरा
चरणों में गुरु तेरे रहे मन मेरा
तूने ही तो बाबा मेरी जिन्दगी सवारी है
फसी मजधार जब नैया मेरी तारी है
तेरी ही दुआ से खिला आंगन मेरा
चरणों में गुरु तेरे रहे मन मेरा
एसी पाई मेहर जैसे थारुबर की छाया है
रोज शोक मिटे हुए कंचन काया
फूलो से भर दिया दामन मेरा
शाम सवेरे करू सिमरन तेरा
भगतो को तूने बाबा नाजो से पाला है
गम के अंधरो में तो तुमसे उजाला है
घर में लगाओ मेरे पावन फेरा
शाम सवेरे करू सिमरन तेरा
मन को लुभाए झूठे जग की ये माया है
गुरु के ज्ञान से ही जीव बच पाया है
कमल कपिल पूरी जीवन मेरा
शाम सवेरे करू सिमरन तेरा
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