चरणों मे जगह मांगी थी, हमें दिल मे बसा लिया,
थे एक नजर के प्यासे, नजरों में समा लिया,
आपका शुक्रिया, आपका शुक्रिया..
वरदान भरी दृष्टि से, हमें बनाया त्रिकाल दर्शी,
जन्मों के पुण्य फले हैं, प्रभु दया हैं इतनी बरसी..
फलको से उठाकर मोती, आंखों का बना लिया,
थे एक नजर के प्यासे, नजरों में समा लिया,
आपका शुक्रिया, आपका शुक्रिया..
खुशियों के पंख लगाकर, जी करता हैं उड़ जाऊं,
प्रभु प्रेम के बादल बनकर, हर मन की प्यास बुझाऊं..
सत्कर्मों के सरगम में, हमें गाना सिखा दिया,
थे एक नजर के प्यासे, नजरों में समा लिया,
आपका शुक्रिया, आपका शुक्रिया..
Author: Unknown Claim credit