डम डम वजे गुरा दा डमरु

डम डम वजे गुरा दा डमरु….

नाम तेरे दी चढ़ गई मस्ती,
भूल गई सानू अपनी हस्ती,
मस्ती दे विच तन मन रंगना,
अपनी भूला के हसती,
डम डम वजे गुरा दा डमरु….

सबना दे दुख हरदा जावे,
सबदी झोली भरदा जावे,
तुसी रहमत वाला दातया,
हथ मेरे सिर उते रखया,
डम डम वजे गुरा दा डमरु….

गल्ल विच है हारा दि माला,
सुंदर सोहना रूप निराला,
मस्ती दे विच तन मन रंगना,
अपनी भूला के हसती,
डम डम वजे गुरा दा डमरु….

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