दाता जी तेरे दरबार में दीवाने आये है,
मस्ती में तेरी डूब के हम मस्ताने आये है,
दाता जी तेरे दरबार में दीवाने आये है…..
लगी दाता जी तेरी लगन है तेरे दर्शन को तरसे नैयन है,
आस पूरी करो हमारी तेरे चरणों के हम है पुजारी,
दूर दूर से तेरा दर्शन पाने आये है
दाता जी तेरे दरबार में दीवाने आये है…..
तेरा दरबार दुनिया से न्यारा, जो भी आये उसे तूने तारा,
जो भी दिल से है तुझको सुनाये मन चाहा वो दर से ले जाये,
हम भी अपनी किस्मत को चमकाने आये है,
दाता जी तेरे दरबार में दीवाने आये है…..
सतगुरू जी के जयकारे लगाए, इनकी महिमा हम सबको सुनाए,
नाचते गाते सेवक तुम्हारे दरबार में तेरे आये,
मीठे मीठे भजनो से रिझाने आये है,
दाता जी तेरे दरबार में दीवाने आये है…..
Author: Unknown Claim credit