दिले में ना जाने सतगुरु क्या रंग भर दिया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा इकरार कर लिया है….
जिस दिन से पी लिया है तेरे नाम का यह प्याला,
मुझको खबर नहीं है, मेरा दिल किधर गया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा…
श्री गुरु शरणम जय गुरु शरणम्…..
तूने हाथ जिसका थामा, बाँदा बना प्रभु का,
हुई नज़र जिस पे तेरी, समझो के तर गया है,
दिले में ना जाने सतगुरु क्या रंग भर दिया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा…..
महफ़िल वही है जिसमे चर्चा रहे तुम्हारी,
अरे अपना वही है जिसने जीकर तेरा किया है,
दिले में ना जाने सतगुरु क्या रंग भर दिया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा…..
तेरी चरण धूलि जब से मस्तक को छू गयी है,
मेरी तकदीर बदल गयी है, जीवन सवार गया है ।
दिले में ना जाने सतगुरु क्या रंग भर दिया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा……
सजदा किसे के आगे अब तक किया नहीं था,
सजदा जो अब किया है तो सिर ही रख दिया है,
दिले में ना जाने सतगुरु क्या रंग भर दिया है,
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा……
Author: Unknown Claim credit