एक डोर लग जाऊंगा गुराजी थारे शरणा पड्या रहूँगा

एक डोर लग जाऊंगा गुराजी थारे शरणा पड्या रहूँगा

एक डोर लग जाऊंगा गुराजी थारे, शरणा पड्या रहूँगा
एक डोर लग जाऊंगा गुराजी थारे, शरणा पड्या रहूँगा

पत्थर न पुजूं, पत्ता न पुजूं, ना कोई देव मनाउंगा
ठाठबाठ मैं बस थारी मूरत, उसी के आगे झूक जाउंगा|
एक डोर लग जाऊंगा गुराजी थारे

गंगा न जाऊँ, जमुना न जाऊँ, ना कोई तीर्थ नाहऊंगा
अड्सठ तीरथ, घट ही मैं गंगा, उसीसे मलमल नाऊंगा
एक डोर लग जाऊंगा गुराजी थारे

औषद् ना पिऊं, बूटी ना पिऊं, ना कोई दर्द बताऊंगा
जद रीझे म्हारा सत्तगुरू सायब, उसीको नबज दिखाऊंगा
एक डोर लग जाऊंगा गुराजी थारे

सब रस छोड, एक रस चाखु, सत्त अमरापुर जाउंगा
शरण मछन्दर जति गोरख बोल्या, ब्रम्ह ज्योत मिल जाऊंगा
एक डोर लग जाऊंगा गुराजी थारे

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी
गुरु गोविंद सिंह जयंती

शनिवार, 27 दिसम्बर 2025

गुरु गोविंद सिंह जयंती
पौष पूर्णिमा

शनिवार, 03 जनवरी 2026

पौष पूर्णिमा

संग्रह