गुरु आरती (बाबा बंसी वाले जी)

गुरु आरती (बाबा बंसी वाले जी)

आरती कीजै श्री गुरुवर की,
परम पुरुष परमेश्वर जी की,
आरती कीजै श्री गुरुवर की,
परम पुरुष परमेश्वर जी की॥

निराकार साकार भी तुम हो,
इस जग का आधार भी तुम हो,
सोहम की झंकार भी तुम हो,
महिमा गावो सतगुरु जी की,
आरती कीजै श्री गुरुवर की,
परम पुरुष परमेश्वर जी की॥

सतगुरु मेरे ब्रह्मज्ञानी,
प्रकटे पूर्ण पुरुष अनामी,
करिए बारम्बार नमामी,
कर लो पूजा इस रहबर की,
आरती कीजै श्री गुरुवर की,
परम पुरुष परमेश्वर जी की॥

भक्तों के तुम हो रखवारे,
बिगड़े काज है सबके संवारे,
घट में सुंदर रूप सकारे,
करनी सेवा अर्चना गुरु की,
आरती कीजै श्री गुरुवर की,
परम पुरुष परमेश्वर जी की॥

इनकी पूजा-अर्चना कर लो,
आत्मज्ञान भंडारे भर लो,
शरणी आ कर भाग जगा लो,
नैया है यह भवसागर की,
आरती कीजै श्री गुरुवर की,
परम पुरुष परमेश्वर जी की॥

तन मन धन मैं तुझ पे वारता,
स्वास स्वास मैं तुझे पुकारता,
चरणदास हूं मैं सतगुरु का,
श्रद्धा से तेरी करूं आरती,
आरती कीजै श्री गुरुवर की,
परम पुरुष परमेश्वर जी की॥

तुम ही सतगुरु जगत आधार हो,
जीवन नैया तारणहार हो,
श्री चरणों से सदा प्यार हो,
डोर जुड़ी रहे जीवन भर की,
आरती कीजै श्री गुरुवर की,
परम पुरुष परमेश्वर जी की॥

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