गुरु चरण कमल पर वारी मैं

गुरु चरण कमल पर वारी मैं

बलिहारी मैं बलिहारी मैं
गुरु चरण कमल पर वारी मैं,

देवश भाव सब दूर कराया पूरण भ्रम इक दिखलाया,
घट घट में ज्योति निहारी रे,
गुरु चरण कमल पर वारी मैं,

भव सागर में नीर अपारा,
दुभ रही है नही मिले किनारा
मोहे पल में लियो उभारी रे
गुरु चरण कमल पर वारी मैं,

काम क्रोध मद लोब लुटे रे
जन्म जन्म से तेरी मेरी
गुरु सब को दीना मारे रे,
गुरु चरण कमल पर वारी मैं,

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी

संग्रह