( गुरु बिन माला फेरते, गुरु बिन करते दान,
गुरु बिन सब निष्फल गया, बाचो वेद पुरान। )

गुरु जी बिना कोई काम न आवे,
कुल अभिमान मिटावे है।
कुल अभिमान मिटावे हो साधो,
अरे सतलोक पहुँचावे है।
गुरु जी बिना कोई काम न आवे।

नारी कहे मैं संग चलूँगी,
ठगनी ठग ठग खाया है।
अंत समय मुख मोड़ चली है,
तनिक साथ नहीं देना है।
गुरु जी बिना कोई काम न आवे।

कौड़ी कौड़ी माया रे जोड़ी,
जोड़ के महल बनाया है।
अंत समय में थारे बाहर करिया,
उसमे रे रह नहीं पाया है।
गुरु जी बिना कोई काम न आवे।

अरे जतन तन कर सुन तो रे बाला,
वाका लाड़ अनेक लड़ाया है,
तन की ये लकड़ी तोड़ी लियो है,
लाम्बा हाथ लगाया है।
गुरु जी बिना कोई काम न आवे।

भाई बंधू थारे कुटुंब कबीला,
धोखे में जीव बंधाया है।
कहे कबीर सुनो भाई साधो,
कोई कोई पूरा गुरु बन्ध छुड़ाया है।
गुरु जी बिना कोई काम न आवे।

गुरु जी बिना कोई काम न आवे,
कुल अभिमान मिटावे है।
कुल अभिमान मिटावे हो साधो,
अरे सतलोक पहुँचावे है।
गुरु जी बिना कोई काम न आवे।

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