गुरु जी मेरे कर्मों की पोथी ना खोलना
न्याय तराजू में ना तोलना…….2
गुरु जी मेरे कर्मों की पोथी ना खोलना
1 ) पाप ना जानू , पुण्य ना जानू
बस तुमको ही , अपना मानूं
करना कभी भी , डावांडोल ना
गुरु जी मेरे कर्मों की पोथी ना खोलना
2 ) मोहमाया में , हम हैं उलझे
अंतर्यामी , तू सब समझे
खोल मजबूरों की तू पोल ना
गुरु जी मेरे कर्मों की पोथी ना खोलना
3 ) आन पड़ा हूं , चरणों में तेरे
कर ना हिसाब तू , कर्मों का मेरे
साहिल को ऐसे टटोल ना
गुरु जी मेरे कर्मों की पोथी ना खोलना
4 ) एक भरोसा , तुझमें अटल है
ओ . पी निर्बल का , एक तू बल है
बस यही मुझको , है बोलना
गुरु जी मेरे कर्मों की पोथी ना खोलना
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