तर्ज – सेठो की क्या करे नौकरी

हिमाचल सुरिस्वर की महिमा, जग में बड़ी महान है,
नाकोंडा के तीर्थो उधारक, जिनशासन की शान है॥

घाणेराव में दीक्षा लेकर, जो बन गये थे वैरागी,
हित विजय गुरु को पाकर, बने जिन शासन अनुरागी,
गाँव शहर में विचरण करके बने मेवाड़ की शान है,
नाकोंडा के तीर्थो उधारक, जिनशासन की शान है॥

नाकोंडा जी मे जाकर के करी साधना थी गुरुवर ने,
भेरूजी की प्रतिस्ठा कराई, यश फैला दुनिया भर में,
भेरूजी का पर्चा भारी, पूजे सारा जहान है,
नाकोंडा के तीर्थो उधारक, जिनशासन की शान है॥

मुंडारा आदिनाथ की, चौकी को बना दी एक रात में,
गुरु वचन से बड़ी मिठाई थी लब्धी जिनके हाथ मे ।।
कहे किशन और दिलबर सबसे गुरुवर ललित के प्राण है ।
नाकोंडा के तीर्थो उधारक, जिनशासन की शान है॥

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