वाहेगुरू जी का खालसा,
वाहेगुरु जी की फतेह ।।
खालसा मेरो रूप है ख़ास,
खालसे मह हौ करो निवास,
खालसा मेरो रूप है ख़ास…..
खालसा मेरो मुख है अंग,
खालसे के हौ सद – सद संग,
खालसा मेरो इष्ट सुहीर्द,
खालसा मेरो कहीअत बिरद,
खालसा मेरो पछ अर पाता,
खालसा मेरो सुख अहिलाद,
खालसा मेरो रूप है ख़ास….
खालसा मेरो मितर सखाई,
खालसा मात-पिता सुखदाई,
खालसा मेरी सोभा सीला,
खालसा बंध सखा सद डीला,
खालसा मेरो रूप है ख़ास…
खालसा मेरी जात और पात,
खालसा सो मा को उतपत।।
खालसा मेरो भवन भंडार,
खालसे कर मेरो सतकार,
खालसा मेरो रूप है ख़ास…
खालसा मेरो स्वजन प्रवारा,
खालसा मेरो करत उधार
खालसा मेरो पिंड परान,
खालसा मेरी जान की जान,
खालसा मेरो रूप है ख़ास…..
Author: Unknown Claim credit