मैं भी तेरे बाग दा फुल मेरे मालका,
की होया जे हो गई मैं तो भुल मेरे मालका……-2
मैं भी तेरे बाग दा फुल मेरे मालका……

चंगे मंदे फुल सारे बागां विच हुंदे ने,
माली इनां फुलां दे हार पिरोंदे ने…..-2
पै जांदा ऐ इनां दा भी मुल मेरे मालका,
मैं भी तेरे बाग दा फुल मेरे मालका……..

शवरी ने पलकां दे फर्श बिछाए सी,
सोणे सुंदर राम जी ने चरण शुआयें सी….-2
खट्टे मिठे बेरां उत्ते डुल गयो मालका,
मैं भी तेरे बाग दा फुल मेरे मालका………

कईयां तेरे दर उत्ते धूणियां रमाईयां ने,
असां तेरे दर उत्ते झोलियां फैलाईयां ने….-2
पल्ला ना छुडाई जाणां मेरे मालका,
मैं भी तेरे बाग दा फुल मेरे मालका………..

दासन दासी अरज गुजारे,
खैर झोली पाईं दाता अपणे ही प्यार दी….-2
चरणां दी धूली झोली पाईं मेरे मालका,
मैं भी तेरे बाग दा फुल मेरे मालका…….

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