गुरु जी मेरे मन में गुरु जी मेरे तन में
गुरु जी हर सास में गुरु जी हर धडकन में
मेरा तुझ संग रिश्ता पुराना
मैं क्यों न करू शुकराना गुरु जी तेरा शुकराना
तेरे नाम से मिट जाती है मन में जो चिंता हो,
तुम ही भाई बेहन अब मेरे तुम ही मात पिता हो,
ये रिश्ता यु ही निभाना
मैं क्यों न करू शुकराना गुरु जी तेरा शुकराना
सागर की बस यही तमना दर तेरे पे आऊ,
मुझको दाता इनता दिया मैं क्यों न शुकर मनाऊ
मेरा सपना पूरा करो न
मैं क्यों न करू शुकराना गुरु जी तेरा शुकराना
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