मैं ता नच नच गुरा नू मनोना

मैं ता नच नच गुरा नू मनोना, गुरा दे दर पा भंगड़े,
पा भंगड़े मैं पा भंगड़े…
मैं ता रज रज दर्शन पाना गुरा दे दर पा भंगड़े,
पा भंगड़े मैं पा भंगड़े…
मैं ता नच नच गुरा नू मनोना, गुरा दे दर पा भंगड़े॥

सदके में जावा तेरी सोनी ऊंची शान ते,
भगता नू ला ले गले अपना तू मान के
तेरा दर्शन सोना मैं पावा, गुरा दे दर पा भंगड़े,
मैं ता नच नच गुरा नू मनोना, गुरा दे दर पा भंगड़े॥

मेरे उते मेहर किती हारा वाले दाता ने,
दर ते बुला के सानू, दितिया सौगाता ने,
मैं ता गाके प्रभु नू रिझाना, गुरा दे दर पा भंगड़े,
मैं ता नच नच गुरा नू मनोना, गुरा दे दर पा भंगड़े॥

दर्शन देन लई दर ते बुलाया ऐ,
लक्खा करोड़ा नू अपना बनाया है,
मैं ता दर्शन सोना ही पावा, गुरा दे दर पा भंगड़े,
मैं ता नच नच गुरा नू मनोना, गुरा दे दर पा भंगड़े॥

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