मेरे गुरुदेव मिलेंगे सत्संग में,
मिलेंगे सत्संग में, मिलेंगे कीर्तन में,
मेरे गुरुदेव मिलेंगे सत्संग में….
घी की ज्योत जले है मंदिर में,
मन की ज्योत जले है सत्संग में,
मेरे गुरुदेव मिलेंगे सत्संग में….
खुशबू का फूल खिले हैं बगियन में,
भक्ति का फूल खिला है सत्संग में,
मेरे गुरुदेव मिलेंगे सत्संग में….
कपड़े का मेल धुले है साबुन से,
मन का मेल धुले है सत्संग में,
मेरे गुरुदेव मिलेंगे सत्संग में….
घर का ताला खुला है चाबी से,
मन का ताला खुला है सत्संग में,
मेरे गुरुदेव मिलेंगे सत्संग में….
काट की नाव चले है पानी में,
मन की नाव चले हैं सत्संग में,
मेरे गुरुदेव मिलेंगे सत्संग में….
घर के लोग मिले हैं बहना घर में,
प्यारी प्यारी सखियां मिलेंगी सत्संग में,
मेरे गुरुदेव मिलेंगे सत्संग में….
Author: Unknown Claim credit