मेरे सुख में मेरे दुख में, हरदम अंग संग है मेरे,
बाबा नीम करौली वाले करते पल में दूर अंधेरे….

हृदय में राम नाम जिसके बसा है,
हनुमत का रूप अंग अंग में रचा है,
जिस भूमि पर पांव धरा है, देखो स्वर्ग वहीं बना है,
वो तो पवन पुत्र हनुमाना ,काटे जन्म जन्म के फेरे…..

बाबा की नजरे जब से पड़ी हैं,
जीवन में खुशियाँ ही खुशियाँ बढ़ी हैं,
तन पे इक कंबल को डाल, वो तो सबकी करें सम्भाल,
सूरज भी जहां ला ना पाए, बाबा लाते वहां सवेरे……

खाली ना जाए कोई ऐसा ये दर है,
बाबा दिखाते सबको सच्ची डगर है,
वो भूले को राह दिखाते, पग पग रक्षा करते जाते,
जो भी शरण में आए उसको लूट ना पाए कभी पांच लुटेरे……

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह