ना किसी की नजर लागे

ना किसी की नजर लागे, मेरे प्रभु जी की नजरिया को,
मैने काजल लगा दियो रे, प्रभु जी की नजरिया को….

स्वर्ग से भी है सुंदर नजारे,
नभ से आये उतर चांद तारे,
बस एक बार दर्श करू प्रभु तेरी नगरिया को,
ना किसी की नजर लागे, मेरे प्रभु जी की नजरिया को,
मैने काजल लगा दियो रे, प्रभु जी की नजरिया को….

यहां आते हैं सारे गुरुमुख जी,
पाते दर्शन हो जाते आनंदित जी,
देवता गण भी कहते,
नमन प्रभु जी की नगरिया को,
ना किसी की नजर लागे, मेरे प्रभु जी की नजरिया को,
मैने काजल लगा दियो रे, प्रभु जी की नजरिया को….

सतगुरु नाम से हो सवेरा यहां,
परमहंस का रहता है डेरा यहां,
तेरा दास ये जाए कहां छोड़ तेरी नगरिया को,
ना किसी की नजर लागे, मेरे प्रभु जी की नजरिया को,
मैने काजल लगा दियो रे, प्रभु जी की नजरिया को….

Author: Unknown Claim credit

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