हनुमान के सीने में ज्यूं सीता राम बसे हैं
नीम करौली बाबा के तन मन हनुमान बसे हैं

जैसे हनुमत राम को भजते ,बार बार गुण उनका गावे
बाबा जी भी रूप उसी का, राम राम बस राम ध्यावे
राम नाम की पावन धुन में, इनके प्राण बसे हैं,,,

चेहरे पे मुस्कान है निर्मल, तन पर बस इक कंबल डालें
अपने भक्त की रक्षा करते, पग पग उनकों आप सम्भाले
कैंची धाम के मंदिर में, खुद आ भगवान बसे हैं,,,

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