प्रभु हम पे दया करना

प्रभु हम पे दया करना,
प्रभु हम पे कृपा करना,
बैकुंठ यही पे है, हृदय में रहा करना…..

गूंजेगे राग बनकर, वीणा की तार बनकर,
प्रगटोगे नाथ ह्रदय में तुम सुंदर प्यार बनकर,
हर रागिनी की धुन पर स्वर बन कर उठा करना….

नाचेंगे मोर बनकर हे श्याम तेरे द्वारे,
घनश्याम छाए रहना बनकर के मेघ कारे
अमृत की धार बनकर प्यासों पे दया करना….

तेरे वियोग में हम, दिन रात हैं उदासी,
अपनी शरण में लेलो हे नाथ ब्रज के वासी,
तुम सो हम शब्द बन कर प्राणों में रमा करना

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी
गुरु गोविंद सिंह जयंती

शनिवार, 27 दिसम्बर 2025

गुरु गोविंद सिंह जयंती
पौष पूर्णिमा

शनिवार, 03 जनवरी 2026

पौष पूर्णिमा
षटतिला एकादशी

बुधवार, 14 जनवरी 2026

षटतिला एकादशी
मकर संक्रांति

बुधवार, 14 जनवरी 2026

मकर संक्रांति
जया एकादशी

सोमवार, 26 जनवरी 2026

जया एकादशी

संग्रह