( बंदी छोड़ दयाल प्रभू,
विघ्न विनाशक नाम,
आ शरण शरण बंदौ चरण,
सब विधि मंगल काम॥ )

मंगल में मंगल करण,
मंगल रूप कबीर,
ध्यान धरत न सत चख ले,
कर्म जनित भव पीर ||

भगति भगत भगवंत गुरु,
चतुर नाम वपु एक,
जिनके पद वंदन किया,
नासत विघ्न अनेक ||

सार शब्द ले बाचीयो,
मानोनी इतबारा,
ए संसार सब फंद हैं,
ब्रह्म ने जाल पसारा,
सार शब्द ले ऊबरो || ||

अखेह पुरुष निज वृक्ष हैं,
निरंजन डाला,
त्रि देवा शाखा भरे,
पते सब संसारा,
सार शब्द ले ऊबरों || ||

ब्रह्मा जी वेद को सही किया,
शिव जी जोग पसारा,
विष्णु जी माया उतप्त करे,
उरले का व्यवहारा,
सार शब्द ले ऊबरों || ||

ज्योति स्वरूपी हाकमा,
ज्याने अमल पसारा,
कर्म की बंशी बजाय ने,
पकड़ लिया जुग सारा,
सार शब्द ले ऊबरों || ||

तीन लोक दस मूंदशा,
जम रोकिया द्वारा,
पीर भये सब जीवड़ा,
पिये विष का चारा,
सार शब्द ले ऊबरों || ||

अमल मिटाऊँ काँच का,
करदूँ भव से पारा,
केवे कबीर सा मैं अमर करुँ,
निज होई हमारा,
केवे कबीर सा मैं अमर करुँ,
परखो टकसारा,
सार शब्द ले ऊबरों || ||

सार शब्द ले बाचीयो,
मानोनी इतबारा,
ए संसार सब फंद हैं,
ब्रह्म ने जाळ पसारा,
सार शब्द ले ऊबरो,
सार शब्द ले ऊबरो || ||

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

गणेश चतुर्थी

शनिवार, 07 सितम्बर 2024

गणेश चतुर्थी
राधा अष्टमी

बुधवार, 11 सितम्बर 2024

राधा अष्टमी
दुर्वा अष्टमी

बुधवार, 11 सितम्बर 2024

दुर्वा अष्टमी
परिवर्तिनी एकादशी

शनिवार, 14 सितम्बर 2024

परिवर्तिनी एकादशी
ओणम/थिरुवोणम

रविवार, 15 सितम्बर 2024

ओणम/थिरुवोणम
पितृपक्ष प्रारम्भ

मंगलवार, 17 सितम्बर 2024

पितृपक्ष प्रारम्भ

संग्रह