साहेब तेरी खिदमत चाहूँ , कुछ भी चाहु ना
छोड़ तेरी चौखट बाबा दूर जाउ ना
चाहूं तो बस तुझसे तेरा
प्यार चाहूं हां
ओ बाबा भगतराम बाबा भगतराम,
देखा है तुझमें राम देखा है श्याम,
संगत की बातों में सत्संग की रातों में रहते हो बाबा मेरे साथ..
आंखों के अश्कों से दिल के सुकूनों से
रहते हो बाबा मेरे पास
साहेब तेरी,,,,
आनंद के सागर में नटवर नागर में
तेरी ही खुशबू है अपार
बंसी की तानों में
तेरे दीवानों में होते हैं तेरे दीदार,,
साहेब तेरी,,,,
Author: Unknown Claim credit