सतगुरू आँगण आया ऐ सैयां मंगल गावा ऐ,

जनम-जनम रा भाग पूरबला,दर्शन पाया ऐ,
धूप दीप ले करां आरती,चंवर ढुलावा ऐ,

हींगलु पगां रो ढालु ढोलियो,चरण पखांला ऐ
चरण धोय चरणामृत लेवा,मन सुख पावां ऐ•••सैया

केशर चन्दन को तिलक लगावा,आय बधावा ऐ
दरश परस रो अवसर मिलियो,लाभ उठावा ऐ•••सैया

भजन करण रो अवसर मिलियो,हरि चित लावा ऐ
सतगुरू बिन कुण पार करे भव,जग भरमाया ऐ•••सैया

सदानन्द सतगुरू जी के शरणे,सब सुख पावां ऐ।
बार-बार नही मिले ओ अवसर,फिर पछतावा ऐ•••सैया

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