सत्संग में हरि को नाम, हमारो मन सत्संग में…-4
भैया ने बिटोरा मोल लियो,
बामै दिए नाग छुड़वाए, हमारो मन सत्संग में,
सत्संग में हरि को नाम, हमारो मन सत्संग में॥
बहना वा सत्संग में जब जाइयो,
पहले लीजो विटोरा खोल हमारो मन सत्संग,
सत्संग में हरि को नाम, हमारो मन सत्संग में॥
बहना ने बिटोरा खोल लियो,
वा में निकलो गले का हार हमारो मन सत्संग में,
सत्संग में हरि को नाम, हमारो मन सत्संग में॥
भैया या हारे घर को ले जाओ,
मेरी भाभी को दिजो पहनाए हमारो मन सत्संग में,
सत्संग में हरि को नाम, हमारो मन सत्संग में॥
भैया ने पिंजरा मोल लिओ,
बामे दिए शेर छुड़वाए हमारो मन सत्संग में,
सत्संग में हरि को नाम, हमारो मन सत्संग में॥
बहना वा सत्संग में जब जइयों,
पहले दिजो पिंजरा खोल हमारो मन सत्संग,
सत्संग में हरि को नाम, हमारो मन सत्संग में॥
बहना ने पिंजरा खोल लियो,
वामें निकली कपिला गाय हमारो मन सत्संग में,
सत्संग में हरि को नाम, हमारो मन सत्संग में॥
भैया या गाय घर को ले जाओ,
मेरे पीवे भतीजे दूध हमारा मन सत्संग में,
सत्संग में हरि को नाम, हमारो मन सत्संग में॥
भैया ने कमरा मोल लियो,
वामें दिए असुर छुड़वाए हमारो मन सत्संग में,
सत्संग में हरि को नाम, हमारो मन सत्संग में॥
बहना और सत्संग में जब जाइयो,
पहले लिजो कमरा खोल हमारा मन सत्संग में,
सत्संग में हरि को नाम, हमारो मन सत्संग में॥
बहना ने कमरा खोल लियो,
वामें निकले लक्ष्मण राम, हमारो मन सत्संग में,
सत्संग में हरि को नाम, हमारो मन सत्संग में॥
भैया राम लखन घर को ले जाओ,
मेरी भाभी करेगी पूजा-पाठ, हमारो मन सत्संग में,
सत्संग में हरि को नाम, हमारो मन सत्संग में॥
Author: Unknown Claim credit