आरती जगमग जगमग चमके बालाजी महाराज की
आरती जगमग जगमग चमके बालाजी महाराज की
बालाजी महाराज की बी सच्चे दरबार की ……आरती जगमग जगमग चमके बालाजी महाराज की
शीश मुकुट हीरों का सोहे — कानों में कुंडल मुनि मन मोहे ॥
शोभा बनी है देखो —- ॥अंजनी के लाल की ॥
आरती जगमग जगमग चमके बालाजी महाराज की ॥
बालाजी महाराज की बी सच्चे दरबार की॥
आरती जगमग जगमग चमके बालाजी महाराज की ॥
भगतों के दुःख हरने तांही अंजना लाड लड़ायो मन माहीं ॥
सब मिलकर के जय बोलो रे भई ॥पवन कुमार की
आरती जगमग जगमग चमके बालाजी महाराज की ॥
बालाजी महाराज की बी सच्चे दरबार की॥
आरती जगमग जगमग चमके बालाजी महाराज की ॥
चेत शुदी पूनम को जन्मे , अंजना आज ख़ुशी है मन में ॥
शोभा बनी है देखो ॥ शिवजी के अवतार की
आरती जगमग जगमग चमके बालाजी महाराज की ॥
बालाजी महाराज की बी सच्चे दरबार की॥
आरती जगमग जगमग चमके बालाजी महाराज की ॥
जो कोई बालाजी को मानावे , सबका बेड़ा पार लगावे
जो कोई बालाजी को मानावे , सबका बेड़ा पार लगावे
आरती उतारो सब मिल ॥ भगतों के प्रतिपाल की
आरती जगमग जगमग चमके बालाजी महाराज की ॥
बालाजी महाराज की बी सच्चे दरबार की॥
आरती जगमग जगमग चमके बालाजी महाराज की ॥
Author: Guru Ashish