जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली,
लेके शिव रूप आना गजब हो गया,
त्रेतायुग में थे तुम आये द्वापर में भी,
तेरा कलयुग में आना गजब गो गया….

बचपन की कहानी निराली बड़ी,
जब लगी भूख हनुमत मचलने लगे,
फल समझ कर उड़े आप आकाश में,
तेरा सूरज को खाना गजब हो गया……

कूदे लंका में जब मच गयी खलबली,
मारे चुनचुन कर असुरो को बजरंगबली,
मार डाले अच्छो को पटक कर वही,
तेरा लंका जलाना गजब हो गया…..

आके शक्ति लगी जो लखन लाल को,
राम जी देख रोये लखन लाल को,
लेके संजीवन बूटी पवन वेग से,
पूरा पर्वत उठाना गजब हो गया…..

जब विभीषण संग बैठे थे श्री राम जी,
और चरनो में हाजिर थे हनुमान जी,
सुन के ताना विभीषण का अंजनी के लाल,
फाड़ सीना दिखाना गजब हो गया…..

जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली,
लेके शिव रूप आना गजब हो गया,
त्रेतायुग में थे तुम आये द्वापर में भी,
तेरा कलयुग में आना गजब गो गया…..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

मासिक शिवरात्रि

शुक्रवार, 29 नवम्बर 2024

मासिक शिवरात्रि
गीता जयंती

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

गीता जयंती
मोक्षदा एकादशी

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

मोक्षदा एकादशी
दत्तात्रेय जयंती

शनिवार, 14 दिसम्बर 2024

दत्तात्रेय जयंती
अन्नपूर्णा जयन्ती

रविवार, 15 दिसम्बर 2024

अन्नपूर्णा जयन्ती
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

रविवार, 15 दिसम्बर 2024

मार्गशीर्ष पूर्णिमा

संग्रह