हे बजरंगी राम दुलारे

हे बजरंगी राम दुलारे,
विनय मेरी स्वीकार करो,
हरी चरणन की लगन ना छूटे,
मुझ पर ये उपकार करो,
हे बजरंगी…..

मन मेरा मंदिर हो जाए,
सियाराम आके बस जाएँ,
नैनन नित तेरे दर्शन पाए,
वाणी मेरी हरी गुण गाये,
राही की है आस पुरानी,
हनुमान अब साकार करो,
हे बजरंगी…..

साँसों की माला में बनाऊं,
सुमिरन से जीवन को सजाऊँ,
एक पल भी ना हरी बिसराऊँ,
चरण शरण रघुवर की पाऊं,
राम नाम की नैया देकर,
हनुमत भव से पार करो,
हे बजरंगी…..

Author: Unknown Claim credit

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