मैं जब जानू मेरे बालाजी,
जब होवे सगाई मेरे लाला की……

तेरे धाम पर ज्योत जलाऊंगी,
मैं बहू बेटे को लाऊंगी,
मेरे घर होवे खुशियां सारी, जब होवे सगाई मेरे लाला की……

मैं पढ़ू चालीसा दिन राती,
अब मुझको नींद नहीं आती,
तेरी जपती मैं माला जी, जब होवे सगाई मेरे लाला की……

मेरे घर में दीपक जब आवे,
अंगना में पलना डल जावे,
पोतौ को गोद खिलाऊंगी, जब होवे सगाई मेरे लाला की….

मैं घर में सत्संग कराऊंगी,
और भक्त मंडली बुलाऊगी,
हमें दरस दिखाना बालाजी, जब होवे सगाई मेरे लाला की……

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

गणेश चतुर्थी

शनिवार, 07 सितम्बर 2024

गणेश चतुर्थी
राधा अष्टमी

बुधवार, 11 सितम्बर 2024

राधा अष्टमी
दुर्वा अष्टमी

बुधवार, 11 सितम्बर 2024

दुर्वा अष्टमी
परिवर्तिनी एकादशी

शनिवार, 14 सितम्बर 2024

परिवर्तिनी एकादशी
ओणम/थिरुवोणम

रविवार, 15 सितम्बर 2024

ओणम/थिरुवोणम
पितृपक्ष प्रारम्भ

मंगलवार, 17 सितम्बर 2024

पितृपक्ष प्रारम्भ

संग्रह