वीरों में महावीर तुम्ही हो,
अजर अमर रणधीर तुम्ही हो,
ये दुनिया जानती है,
ये दुनिया जानती है,
जय बजरंगी, जय बजरंगी,
जय बजरंगी, जय बजरंगी…….
बचपन में सूरज खा डाला,
दूर हुआ जग से उजियारा,
इन्द्र ने तुझ पर वज्र चलाया,
सूरज को तुमसे छुड़वाया,
फिर देवो ने तुमको मनाया,
कोई तुमसे पार ना पाया,
बड़े बड़े विरो को पछाड़ा,
आसमान था तेरा अखाडा,
पवन वेग से जब तुम आए,
राहु शनि तुमसे घबराए,
मारुती नंदन केसरी नंदन,
मारुती नंदन केसरी नंदन,
संकट मोचन हो भय भंजन,
ये दुनिया जानती है,
ये दुनिया जानती है…….
रामचंद्र के काज बनाए,
दाएँ भुजा सब भक्त उबारे,
बाएँ भुजा सब दुष्ट संहारे,
लखन को शक्ति बाण लगा था,
राम थे व्याकुल दुःख का समां था,
जा धौलागिरी पर्वत लाए,
लाके संजीवन लखन बचाए,
पवन वेग से तुम थे भागे,
मन में थे श्री राम विराजे,
राम की जय जयकार लगाकर,
राम की जय जयकार लगाकर,
अक्षय को मारा पटक पटक कर,
ये दुनिया जानती है,
ये दुनिया जानती है……
सीना फाड़ दिखाने वाले,
राम नाम गुण गाने वाले,
बलबुद्धि के देने वाले,
भक्तो के हो तुम रखवाले,
भुत प्रेत तेरे नाम से भागे,
राम भगत में सबसे आगे,
‘केसर’ ‘लख्खा’ शीश झुकाते,
कर दो कृपा तो किस्मत जागे,
भक्त हो भक्त विधाता तुम हो,
बल बुद्धि के दाता हो तुम,
हो शिव शंकर के अवतारी,
हो शिव शंकर के अवतारी,
बालयति और हो ब्रम्हचारी,
ये दुनिया जानती है,
ये दुनिया जानती है……
Author: लखबीर सिंह लक्खा