हमने जो भी पाया है सरकार,
तेरी कृपा से पाया है,
हम जब भी आये है तेरे द्वार,
हमे भव पार लगाया है….

(तर्ज – हम भूल गए हर बात मगर तेरा प्यार नहीं भूले)

मैं पहली बार जब आया था,
खाटू में कुछ नहीं लाया था,
बस गम का मंज़र माया की,
परछाई संग में लाया था,
तूने देखा मुझे जो इक बार,
परछाई फिर न नज़र आई….

हमने साथ तेरा जब से पाया,
बस भाव भजन कीर्तन आया,
दुनिया की रीत से वाकिफ था,
पर तेरे संग जुड़ना चाहा,
हम गाए तेरा गुण गान,
यहि अरदास लगाते है….

हम गर्व से कहते है जग में,
तुमसा ना दयालु दूजा है,
हारे के सहारे कहते हैं,
मेरे मालिक तुमसा ना दूजा है,
तुम रहना हमेशा साथ,
ये मन कुछ और नहीं मांगे….

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