खाटू बुला रहा हैं, किरपा नहीं तो क्या हैं,
अब तक निभा रहा हैं, किरपा नहीं तो क्या हैं….
(तर्ज – वो दिल कहा से लाऊ तेरी याद जो भूला दे)
कोई साथ दे या ना दे, तूने दिया सहारा,
महसूस होता सिर पे, बस हाथ हैं तुम्हारा,
अब भी फिरा रहा हैं, किरपा नहीं तो क्या हैं,
खाटू बुला रहा हैं, किरपा नहीं तो क्या हैं….
कहते थे सारे मुझको, डूबेगी मेरी नईया,
पर मुझको क्या पता था, बन जाएगा खेवैया,
अब भी चला रहा हैं, किरपा नहीं तो क्या हैं,
खाटू बुला रहा हैं, किरपा नहीं तो क्या हैं….
औकात से भी तूने, लाखों गुना दिया हैं,
मिली ‘श्याम’ को जो सेवा, तेरा ये शुक्रिया हैं,
अब तक गवा रहा हैं, किरपा नहीं तो क्या हैं,
खाटू बुला रहा हैं, किरपा नहीं तो क्या हैं….
Author: Unknown Claim credit