कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आणो है ।
थारे कोल निभानु हे

दरबार सावरिया, ऐसो सजो प्यारो, दयालु आप को
सेवा में सावरिया, सगला खड़ा डिगे, हुकम बस आप को
सेवा में थारी म्हणे आज बिछ जणू हे, थारे कोल निभानु हे
कीर्तन की है रात…

कीर्तन की है तैयारी, कीर्तन करा जमकर, प्रभु क्यु देर करो
वादों थारो दाता, कीर्तन में आने को, घणी मत देर करो
भजनासु थाने म्हणे आज रिझाणु है, थारे कोल निभानु हे
कीर्तन की है रात…

जो कुछ बनो म्हासु, अर्पण परभू सारो, प्रभु स्वीकार करो
नादाँ सु गलती होती ही आई है, ब्रभु मत ध्यान धरो
नंदू सावरिया थानों दास पुरानो है, थारे कोल निभानु हे
कीर्तन की है रात…

Author: नंदू जी महाराज

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

होलिका दहन

गुरूवार, 13 मार्च 2025

होलिका दहन
होली

शुक्रवार, 14 मार्च 2025

होली
फाल्गुन पूर्णिमा

शुक्रवार, 14 मार्च 2025

फाल्गुन पूर्णिमा
पापमोचनी एकादशी

मंगलवार, 25 मार्च 2025

पापमोचनी एकादशी
चैत्र नवरात्रि

रविवार, 30 मार्च 2025

चैत्र नवरात्रि
गुड़ी पड़वा

रविवार, 30 मार्च 2025

गुड़ी पड़वा

संग्रह