शाम से पहले श्याम ही आए

तर्ज – दो दिल टूटे दो दिल हारे

शाम से पहले श्याम ही आए,
दुनिया वाले काम ना आए,
शाम से पहले श्याम ही आए……

फिरता रहा था मै तो,
गलियों में मारा मारा सांवरे,
अपने से खायी ठोकर,
कुछ ना मिला था मुझको सांवरे,
तेरी शरण में आया,
तेरी शरण में आया,
सबकुछ लुटा के,
शाम से पहले श्याम ही आए……

सुनकर के रुतबा तेरा,
दर पे तुम्हारे आया सांवरे,
असुवन की धारा लेके,
आँखों में आया मै तो सांवरे,
कुछ भी ना कहने पाया,
कुछ भी ना कहने पाया,
दर पे तेरे आके,
शाम से पहले श्याम ही आए……

धर्मी तो तरते देखे,
कर्मो के बल पे अपने सांवरे,
मुझसा ना अधर्मी दूजा,
श्याम जगत में कोई सांवरे,
फिर भी बचाई तूने,
फिर भी बचाई तूने,
लाज मेरी आके,
शाम से पहले श्याम ही आए……

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी
पुत्रदा एकादशी

मंगलवार, 05 अगस्त 2025

पुत्रदा एकादशी
रक्षा बन्धन

शनिवार, 09 अगस्त 2025

रक्षा बन्धन

संग्रह