श्री यमुने पति दास के चिन्ह न्यारे ।

श्री यमुने पति दास के चिन्ह न्यारे ।
भगवदी को भगवत संग मिलि रहत हैं, जाके हिय बसत प्राण प्यारे ॥१॥
गूढ यमुने बात सोई अब जानही, जाके मनमोहन नैनतारे ।
सूर सुख सार निरधार वे पावहीं, जापर होय श्री वल्लभ कृपा रे ॥२॥

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी

संग्रह