आज रंग बरसाने, बरसाने आयो नटवर नंद किशोर(रसिया)
आज रंग बरसाने बरसाने, आयो नटवर नंदकिशोर।
नटवर नंद किशोर किशनीयां, रस-लम्पट रसभौर॥
ग्वाल बाल का लेकर टोला।
रंग रंगों का भर कर झोला॥
हल्ला-गुल्ला कर कर सजनी,
खूब मचायो शोर-आज…
गोपिन छीन लियो पिचकारी।
नर से आज बनायो नारी॥
मुंह छुपाता फिरे सांवरा,
जैसे भागत चोर – आज…
घुघट में कान्हां शरमावे ।
छोड़ो छोड़ो तरले पावे॥
“मधुप” हरि को आज नचायो,
जैसे नाचत मोर-आज…
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