बाँधी तुम संग प्रीत की डोर

छवि देख हुई मैं भाव विभोर,
बाँधी तुम संग प्रीत की डोर,
बाँधी तुम संग प्रीत की डोर,
छवि देख हुई मैं भाव विभोर…..

नयनाभिराम तुम्हारी सूरत,
दिल में बस गई प्यारी मूरत,
प्रियतम तुम मेरे चित्त चोर,
छवि देख हुई मैं भाव विभोर,
बाँधी तुम संग प्रीत की डोर,
बाँधी तुम संग प्रीत की डोर,
छवि देख हुई मैं भाव विभोर…..

सुख सपनों में खो मैं जाऊँ,
आँखें खोलूँ तो तुमको ही पाऊँ,
अल्हड़ शाम तुम ही मेरी भोर ,
छवि देख हुई मैं भाव विभोर,
बाँधी तुम संग प्रीत की डोर,
बाँधी तुम संग प्रीत की डोर,
छवि देख हुई मैं भाव विभोर……

मोहनी छवि तुम्हारी मनभावन,
तुम हो मेरी प्रीत का सावन,
देख तुम्हें नाचे मन का मोर ,
छवि देख हुई मैं भाव विभोर,
बाँधी तुम संग प्रीत की डोर,
बाँधी तुम संग प्रीत की डोर,
छवि देख हुई मैं भाव विभोर…..

तुम बिन मैं क्या क्या मेरी हस्ती,
मेरी दुनिया तुम्हारे नैनों में बस्ती,
खिंची चली आई तुम्हारी ओर,
छवि देख हुई मैं भाव विभोर,
बाँधी तुम संग प्रीत की डोर,
बाँधी तुम संग प्रीत की डोर,
छवि देख हुई मैं भाव विभोर….

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी
शनि जयंती

मंगलवार, 27 मई 2025

शनि जयंती
निर्जला एकादशी

शुक्रवार, 06 जून 2025

निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी

संग्रह