बस तेरी है राधा
मैं तुझ में समायी पूरी
नहीं, इश्क मेरा आधा…
मैं तुझ में समायी पूरी
नहीं, इश्क मेरा आधा…
“ओ बंसी वाले तेरी
बस तेरी है राधा…”!!
“ओ बंसी वाले तेरी
बस तेरी है राधा…”!!
ये रूह मेरा तुझपे सब हारू
जान भी मैं तो पे वारू
ऐसे ना कोई देखे तोहे
जैसा कान्हा मैं निहारू
मेरा रोम रोम बस गए
कृष्ण तेरी गाथा…
“ओ बंसी वाले तेरी
बस तेरी है राधा…”!!
तेरे नाम की छड़ी है ऐसी खुमारी
भूली में तो दुनिया सारी
कैसी लागी लगन तेरी ये
क्या किया ऊ बृज के वासी
तेरे रंग में ऐसी रंग गई
के कुछ या नहीं भाता…
“ओ बंसी वाले तेरी बस तेरी है राधा…”!!
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