श्याम बाबा श्याम बाबा आया करो,
आया करो भक्तों के घर भक्तों के घर,
ओ लीले घोड़े वाले लखदातारी,
कब आओगे मेरे श्याम बिहारी……

भक्तों ने दरबार में तुम्हें बुलाया है बुलाया है,
कहीं-कहीं फूलों से तुम्हें सजाया है,
भक्तों के तुम प्रेम में दौड़े आते हो, आते हो,
आप आकर उनको फिर गले लगाते हो,
ओ नीले घोड़े वाले लखदातारी,
कब आओगे मेरे श्याम बिहारी…..

कली काल में महिमा तुम्हारी भारी है, भारी है,
भक्तों की बिगड़ी तुमने सवारी है,
कोई कोई नहीं कर सकता वह किया तुमने, किया तुमने,
महाभारत में शीश का दान दिया तुमने,
ओ नीले घोड़े वाले लखदातारी,
कब आओगे मेरे श्याम बिहारी…..

जिसने भी तेरे नाम की ज्योत जगाई है, जगाई है
कहे रितिक हर खुशियां उसने पाई है,
श्याम नाम का सुमिरन करते जाया कर ,जाया कर
सच्चे भावो से श्याम रिझाया कर,
लीले घोड़े वाले लखदातारी,
कब आओगे मेरे श्याम बिहारी……

श्याम बाबा श्याम बाबा आया करो,
आया करो भक्तों के घर भक्तों के घर ,
ओ लीले घोड़े वाले लखदातारी ,
कब आओगे मेरे श्याम बिहारी……

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